Secrets of Nadi Astrology


Nadi astrological leaves are written by Siddhas and The Siddhas use their intuitive ability to look into the past and future of the individuals.

One’s natal chart is clearly the representation of one’s karma.   the future prediction is not 100% correct in all cases. It varies from person to person and the average accuracy ranges from 30 to 55 %. Why are not the Siddhas unable to predict 100%? when this question was put to the Siddhas themselves. The answers came and are interesting. They said that the clients who came with a sincere frame of mind got better results than the clients who were cynical. This is true in daily life. You become as you think.    

Nadi astrology offers remedies for all kinds of bad karma. This involves visits to certain temples, performing rituals like donation to saints, virgins, married women and others. The

remedies are based on the karma that each one has done in their past lives. Another important remedy is worshipping the yantra of the planet properly energized. It is better to worship the yantra of the devata of the planet rather than the planet itself. Also, it is important to pay a visit to Suryanarkoil regardless of what your karma is. The unique nature of Suryanarkoil is that the planets here are devoid of their weapons. Mantras used in the temple also do not refer to their malefic qualities. According to tradition, Lord Siva commissioned planets to be benign at Suryanarkoil.

लाल किताब (असली प्रतिलिपि ) Lal Kitab


Lal Kitab is a set of five Urdu language books on Hindu astrology and palmistry, written in the 19th century, based on the Samudrika Shastra. Poetic verses with philosophy and hidden nuances form the core farmanns or upaya of the book.

लाल किताब ज्योतिष का एक ग्रंथ है। भारत के पंजाब प्रांत के ग्राम फरवाला (जिला जालंधर) के निवासी पंडित रूप चंद जोशी जी ने इसे सम् १९३९ में इसकी रचना की। इस किताब को मूल रूप से उर्दू एवं फारसी भाषा में लिखा गया है। यह ग्रंथ सामुद्रिक तथा समकालीन ज्योतिष पर आधारित है.

‘लाल किताब’ ज्योतिर्विद्या की एक स्वतन्त्र और मौलिक सिद्धान्तों पर आधारित एक अनोखी पुस्तक है। इसकी कुछ अपनी निजी विशेषताएँ हैं, जो अन्य सैद्धान्तिक अथवा प्रायोगिक फलित ज्योतिष-ग्रन्थों से हटकर हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता ग्रहों के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जातक को ‘टोटकों’ का सहारा लेने का संदेश देना है। ये टोटके इतने सरल हैं कि कोई भी जातक इनका सुविधापूर्वक सहारा लेकर अपना कल्याण कर सकता है। काला कुत्ता पालना, कौओं को खिलाना, क्वाँरी कन्याओं से आशीर्वाद लेना, किसी वृक्ष विशेष को जलार्पण करना, कुछ अन्न या सिक्के पानी में बहाना, चोटी रखना, सिर ढँक कर रखना इत्यादि । ऐसे कुछ टोटकों के नमूने हैं, जिनके अवलम्बन से जातक ग्रहों के अनिष्टकारी प्रभावों से अनायास की बचा जाता है। कीमती ग्रह रत्नों (मूंगा, मोती, पुखराज, नीलम, हीरा आदि। में हजारों रुपयों का खर्च करने के बजाय जातक इन टोटकों के सहारे बिना किसी खर्च के (मुफ्त में) या अत्यल्प खर्च द्वारा ग्रहों के दुष्प्रभावों से अपनी रक्षा कर सकता है।

‘लाल किताब’ में धर्माचरण और सदाचरण के बल पर ग्रह दोष निवारण का झण्डा ऊँचा किया है, जिससे हमारा इहलोक तो बनेगा ही, परलोक भी बनेगा।

‘लाल किताब’ में विभिन्न प्रकार के ग्रह दोषों से बचाव के लिए सैकड़ों टोटकों का विधान है। जीवन का कोई ऐसा पक्ष नहीं है, जिससे संबंधित टोटके न बतलाये गये हों।

यह ज्योतिष के सिधान्तो और हस्तरेखा के सिधान्तो को सरल रूप से समझाता है.

इस ग्रन्थ में मानव मस्तिष्क के 42 प्रभागों को जन्म कुंडली के विभिन्न घरों से संबंधित कर दिया गया है. 

हस्तरेखा के सिधान्तो और व्यक्ति की जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति से व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओ का बताया जा सकता है.

लाल किताब में कष्ट निवारण के लिए कुछ सरल उपाय बताये गए है, जो की मुसीबत में फसे व्यक्ति के लिए वरदान स्वरुप है.

उपाय के तौर पर महंगे यज्ञ और हवन आदि महेंगी रस्मो की आवश्यकता नही है.

लाल किताब कुछ सरल उपायों की मदद से जटिल समस्याओ का हल बता सकती है.

यन्त्र मंत्र और तंत्र से ये उपाय बहुत अलग है.

लाल किताब में सुझाये उपाय बहुत ही सरल और सुरक्षित है. ये किसी भी तरह से किसीको हानि नही पहुचाते, और पुरी तरह से ग्रहों के कस्त्दायक प्रभाव को नियंत्रित करते है.

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