गाँधी वध क्यों ? - गोपाल गोडसे



गाँधी वध क्यों ?

("पंचावन्न कोटीचे बली" का हिंदी रूपांतरण )
गोपाल गोडसे 

यदि देशभक्ति पाप है तो मैं मानता हूँ कि मैंने पाप किया है. यदि प्रशंसनीय है तो मैं अपने आप को उस प्रशंसा  का अधिकारी समझता हूँ. मुझे विश्वास है कि मनुष्यों द्वारा स्थापित न्यायालयों के ऊपर कोई न्यायालय हो तो उसमे मेरे काम को अपराध नहीं समझा जाएगा. मैंने देश और जाति की भलाई के लिए यह काम किया. मैंने उस व्यक्ति पर गोली चलाई जिसकी निति से हिन्दूओं पर घोर संकट आये, हिंदू नष्ट हुए.

- नथूराम गोडसे

"I have However no doubt that .had the audience of that day been constituted into a jury and entrusted with the task of deciding Godse's appeal, they would have brought in a verdict of 'not guilty' by overwhelming majority"

 - JUSTICE KHOSIA (The. Murder of Mahatma) (page 234)

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